Telegram ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह Phone Pe के नाम से बनाए गए खातों को हटाएगा और ब्लॉक करेगा
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Telegram ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि वह फोनपे से अनुरोध प्राप्त होने पर अपने सर्वर से Phone Pe का नाम लेकर चलने वाले किसी भी खाते को हटा देगा।
न्यायमूर्ति के कुमारेश बाबू
के समक्ष यह दलीलें दी गईं । अदालत फोनपे की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें Telegram के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग की गई थी।
Phone Pe ने Court से 10 लाख रुपए का हर्जाना और टेलीग्राम तथा उसके एजेंटों को फोनपे के पंजीकृत Trademark का उल्लंघन करने से रोकने के लिए निषेधाज्ञा मांगी थी। ऐसा करने से टेलीग्राम को किसी भी एपीके, मोबाइल ऐप या उत्पादों को विकसित करने, वितरित करने, होस्टिंग करने या होस्टिंग, मार्केटिंग, बिक्री, बिक्री के लिए पेशकश, विज्ञापन या डील करने से रोका जा सकेगा। आरोप लगाया गया था कि टेलीग्राम ऐसे चैनलों की मेजबानी कर रहा था जो डिजिटल भुगतान ऐप का प्रतिरूपण कर रहे थे और Phone Pe के नाम पर धोखाधड़ी की सुविधा दे रहे थे।
Phone Pe ने टेलीग्राम को फोनपे का प्रतिरूपण करने वाले किसी भी चैनल, अकाउंट और कंटेंट को ब्लॉक, अक्षम या हटाने का निर्देश देने के लिए अनिवार्य निषेधाज्ञा की भी मांग की थी और जो फोनपे जैसे चिह्नों वाले किसी भी ऐप को बढ़ावा दे रहे थे। उन्होंने फोनपे के चिह्नों का उपयोग करके किसी भी तरह के धन संग्रह, भुगतान मांगने या कोई वित्तीय लाभ प्राप्त करने पर रोक लगाने के लिए भी निषेधाज्ञा की मांग की थी।
जब मामले की सुनवाई हो रही थी, तब टेलीग्राम की ओर से उपस्थित अधिवक्ता त्रियंबक जे कन्नन ने अदालत को बताया कि प्रारंभिक चरण में कथित उल्लंघनकारी सामग्री की पोस्टिंग को रोकना कठिन था, लेकिन उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि जब भी ऐसी पोस्टिंग की जाएगी और इसे टेलीग्राम के संज्ञान में लाया जाएगा, तो इसे तुरंत रोक दिया जाएगा।
फोनपे ने अदालत को यह भी बताया कि जब भी कोई उल्लंघनकारी सामग्री उसके संज्ञान में आएगी, तो वह तुरंत टेलीग्राम को ईमेल के ज़रिए सूचित करेगा। टेलीग्राम ने आश्वासन दिया कि जब ऐसा कोई ईमेल प्राप्त होगा, तो पोस्टिंग को तुरंत हटा दिया जाएगा और ब्लॉक कर दिया जाएगा।
अदालत ने इन दलीलों पर गौर किया और टेलीग्राम को फोनपे की शिकायतों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही, उसने फोनपे को उन चैनलों के आईपी एड्रेस और यूआरएल की जानकारी देने का निर्देश दिया, जो उल्लंघनकारी सामग्री पोस्ट कर रहे थे, ताकि उन्हें ब्लॉक किया जा सके।
इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।