चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच भारत, संयुक्त अरब अमीरात श्रीलंका में ऊर्जा केंद्र विकसित करेंगे
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भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने श्रीलंका में एक ऊर्जा हब विकसित करने के लिए समझौता किया है। इस समझौते के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- साझेदारी की शुरुआत: भारत और UAE ने मिलकर श्रीलंका में एक ऊर्जा हब स्थापित करने का निर्णय लिया है।
- PM मोदी की यात्रा: इस समझौते पर हस्ताक्षर श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिस्सनायक के पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान किए गए।
- चीन से प्रतिस्पर्धा: यह कदम भारत और UAE के लिए चीन के साथ हो रही प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
- रणनीतिक स्थान: श्रीलंका के त्रिंकोमाली में यह ऊर्जा हब स्थापित किया जाएगा, जो एक प्राकृतिक बंदरगाह है और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- पाइपलाइन और टैंक फार्म: इस हब में मल्टी-प्रोडक्ट पाइपलाइन का निर्माण और विश्व युद्ध-2 के समय का एक टैंक फार्म उपयोग में लाने की योजना है।
- UAE की भूमिका: UAE को भारत का रणनीतिक साझेदार माना जाता है, और इसका योगदान इस परियोजना में महत्वपूर्ण होगा।
- सौर ऊर्जा परियोजना: प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका में 100 मिलियन डॉलर की सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन भी किया।
- ऋण पुनर्गठन: भारत और श्रीलंका ने अपने ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया को पूरा किया, जिसमें भारत के EXIM बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
- अन्य समझौते: दोनों देशों ने पावर ग्रिड कनेक्टिविटी, डिजिटलाइजेशन, सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी समझौते किए।
यह सहयोग भारत, UAE और श्रीलंका के बीच ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।